उत्तर= ब्रम्ह का मतलब परम प्रकाश | निर्गुण ब्रम्ह (निराकार है और सगुण ब्रम्ह माने ज्योतिर्लिंग (शिवलिंग) है, साकार अवतार, शिव जो ज्योतिर्लिंग के रूप में है । इसलिए शिवलिंग पृथ्वी पर बनाया गया ।
बापुजी दशरथ भाई के अनुसार,
अविनाशी ब्रम्ह को The Almighty Authority कहते हैं। जो कभी भी आकार रूप में नहीं आते सदय निराकार रूप में रहते हैं। कई युगान्तर तप करने के बाद ही अविनाशी ब्रम्ह की प्राप्ति होती हैं। एक ब्रम्हाण्ड का मालिक, शिव है। तो जितने ब्रम्हाण्ड है उतने शिव है। महाशिव को महाब्रम्ह कहते हैं। बेहिसाब समय के बाद यही आत्मायें सालों से राजो गुण से तमो में आ गयी तो आत्मा की Power कम हो जाने से शंकर (महादेव) बन गये। ज्ञान होगा तभी ब्रम्ह की प्राप्ति हो सकती है। जो निराकार (परम Light) के रूप में है परब्रम्ह कहेंगे, शिव, परममहाशिव FO: Bexand Energy - matter Timey space and meditation is what zdast Meditation का मतलब आत्मा से परमात्मा का कनेक्शन | हो सके इसलिए 29 घंण्टे में से 8 घण्टे परमात्मा को याद करें। सबसे पहले निसंकल्प बने । मतलब दिमाग में जो विचार चल रहे है उसे निकाल दो | और अज्ञानी, Negative वस्तुओं, व्यक्तियों से दूर रहने की कोशिश करो । क्योंकि इनके साथ रहने या याद करने से Negative संकल्प आप को आयेंगे । -इस ब्रम्हाण्ड के शिव से कनेक्ट होने के लिए ॐ की ध्वनि करों । सबसे पहले एक कमरे में बैठे और खिड़की, दरवाजे बन्द कर ले जिससे बाहर की आवाज अन्दर न आयें। कानों में कुछ लगा ले। दीवार के सहारे भी बैठ सकते है। अपनी आँखे बन्द करे और शरीर को ढीला कर लें। यदि विचार कन्ट्रोल नहीं तो उल्टी गिनती करे 10,9,8,7,6,5,4,3,2,1 और शान्त होने की कोशिश करे। परमपिता को निराकार रूप में याद करें और कुछ देर ॐ की ध्वनि हल्का निकाले फिर ध्यान को परम प्रकाश पर केन्द्रीत कर लें। निसंकल्प होकर परम परम शान्ति का अनुभव करें और सोंचे में परम-परम आत्मा से हूँ। आत्मस्वरुप में स्थित हो जायें। सोंचे मैं परम प्रकाश हूँ अब धीरे
धीरे ऊपर जाये Galaxy h उपर universe, multiverse से ऊपर जाये और परम- प्रकाश को देखे उसमें मय हो जायें। और प्रेम का भाव होना चाहिए। अपने अन्दर परम-परम- प्रकाश की अनुभुती करें। इस स्थिति में आपको परम - परम प्रकाश ही दिखना चाहिए | आपके सुक्ष्म, कारण शरीर में परम प्रकाश तत्व, परम अग्नि तत्व भर चुका है और यह परम परम- प्रकाश धरती, Universe सभी और प्रकाशित हो रहा है और transfer हो रहा है। और आपके सारे पाप कर्म का विनाश हो रहा है।
परमपिता हम आपसे ऐसे ही जुड़े रहे। ज्ञान और प्रकाश का अनुभव करते हुए अब धीरे-धीरे बेहद की यात्रा को समाप्त करते हुए धरती के शरीर में वापस आ जाएं और परमशान्ति। यही योग बार बार करें।
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